कोरोना : क्या डरना जरूरी है ?


कोरोना : क्या डरना जरूरी है ?

कोरोना : क्या डरना जरूरी है ?

जानवरों से संचरित होकर इंसान तक पहुँचने वाला एक वायरस जो 2019 में खोजा गया, जिसे कोरोना-19 (COVID-19) का नाम दिया गया । यह वायरस साधारण बुखार, और सर्दी-खाँसी से शुरू करके इंसान के रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System)को नष्ट कर देता है । जिससे वह किसी भी गंभीर बीमारी के ज़द में आकर अपना दम तोड़ देता है । और जिस वायरस से इंसान दम तोड़ देता हो उससे डरना तो लाजमी है । लेकिन इंसानों ने बड़े-बड़े युद्ध लड़े है, खतरनाक से खतरनाक शत्रुओं को परास्त किया है । फिर ये वायरस तो बहुत छोटी बात है। अन्य शत्रु और इस कोरोना वायरस में अंतर इतना है कि यह वायरस किसी को दिखाई नही देता, और आक्रमण कर देता है । तो इससे बचना बेहद जरूरी है, क्योंकि लड़ाई जीतने के लिए सबसे पहले दुश्मन के वार से बचना जरूरी है ।

दुश्मन चाहे कोरोना वायरस हो या कोई और, उस पर विजय हासिल करने के लिए हमे उतनी ही सावधानी रखनी होगी जितना ज्यादा वह खतरनाक है । डरने की और भागने की कोई आवश्यकता नही है । सावधानी के साथ-साथ हमें संयम रखना होगा और मौका देखकर उस पर वार करना होगा, तभी दुश्मन परास्त किए जा सकते है। इंसानों की नजर में यही बुद्धिमानी है ।

आज पूरी मानव जाति इस अदृश्य कोरोना वायरस से डरा हुआ है, क्योंकि यह वायरस धीरे-धीरे इस जगत के मानव-लीला को समाप्त करने के रास्ते पर चल चुका है । और मानव इसके सामने डरा हुआ, सहमा हुआ निश्तेज होकर घुटने टेक रहा है । मानव का डर जाना ही इस कोरोना वायरस की जीत का रास्ता बना हुआ है । क्योंकि एक डरा हुआ इंसान गलत फैसला चुनता है, और हर गलत फैसले के साथ कोरोना वायरस उतना ही प्रबल हो जाता है । यह गलत रास्ता अफवाह का कारण बनता है और अफवाह से जन-जीवन के और अन्य रास्ते भी तबाह होते जाते है । जिससे यह महामारी और आपदा का रूप ले लेता है ।

भारत जैसे देश में अफवाह तो आम बात है, झूठी बाते यहाँ तेजी से फैलती और समझी जाती है, और सही बातो को तोड़-मरोड़ कर समझा जाता है, परिणाम स्वरूप देश में अफरा-तफरी और तबाही का मंजर आम हो जाता है । अभी कोरोना मामले में पीएम0 मोदी जी कहते है कि एक दिन सभी लोग अपने-अपने घर में रहे, बाहर न निकले, किसी से न मिले, सावधानी रखे, संयम रखे । जिससे कि कोरोना संक्रमित की संख्या बढ़े नही और इस वायरस की लाइफ-साइकिल भी टूटे। लेकिन लोगो ने क्या समझा, कि भारत बंद है, और भी न जाने कितने दिन तक बंद रहे इसलिए बाजार मे दो दिन पहले से ही घर में सामान इकट्ठा करने की होड़ लग गई। बाजार में भीड़ इतनी हो गई कि, फल-सब्जियाँ सभी अचानक महंगी बिकने लगी। सारी सावधानियाँ धरी-की-धरी रह गई । हाथ मिलाने को मना किया गया था और यहाँ भीड़ में सभी एक-दूसरे से जबरदस्ती रगड़ खा रहे है, एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते सामान ले रहे है । भूल गए सभी कि एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से ही कोरोना वायरस एक से दूसरे में संचरित होता है ।

इंसान इस प्रकृति का एक रूप है । इंसान में और इस प्रकृति में वो शक्ति मौजूद है कि वह इस कोरोना से भी करोड़ो गुना अधिक शक्तिशाली वायरस पर आसानी से विजय हासिल कर सकता है । लेकिन इंसान अपने गलत खाने-पीने और रहन-सहन के तौर-तरीको की वजह से खुद ही अपनी शक्ति को खोता जा रहा है । परिणाम स्वरूप, एक साधारण बुखार और सर्दी-खासी भी उसे ले डूबता है । इंसान ने अपनी Immune System को खुद ही तबाह कर चुका है ।

प्रकृति में वह सभी तत्व मौजूद है जिससे किसी भी वायरस को खत्म किया जा सके । लेकिन इंसान अपनी महत्वाकांक्षा के आगे इस प्रकृति को भी नष्ट कर रहा है, परिणामस्वरूप, प्राकृतिक आपदा । अभी तत्कालीन कोरोना जैसी आपदा से बचने के लिए सबसे आसान उपाय है कि -

  • घर से बाहर निकलने से बचे।
  • एक-दूसरे से नजदीकी सम्पर्क ( जैसे छूना, हाथ मिलाना, गले मिलना, इत्यादि ) न करे।
  • पौष्टिक खाद्य-पदार्थो का सेवन करे, जिससे आपका Immune System मजबूत हो ।
  • विशेष साफ-सफाई का ध्यान रखे ।
  • अगर जरा भी शरीर मे कुछ बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले (न कि किसी ताबीज या किसी टोटके की) ।
  • या इस हेल्प-लाईन पर कॉल करे +91-11-23978046, और पूरा Help line Number देखने के लिए यहाँ क्लिक करे
  • डरे बिल्कुल भी नही, अफवाहो पर बिल्कुल भी ध्यान न दे।
  • खुद बचे, और औरों को बचाएँ ।
  • पिछले 2 महीनों से भारत की जनता जिस तरह लापरवाह रही है उसका परिणाम बीते 3-4 दिनों से दिख रहा है । कोरोना संक्रमित लोगो संख्या 350 के पार पहुँच गया है । जबकि 3-4 दिन पहले ये संख्या 100 से नीचे थी । अचानक इस संख्या में जो इजाफा हुआ है इसका कारण सिर्फ लापरवाही है और कुछ नही। यह संख्या अब हजारों में भी पहुँचेगी, ऐसा लग रहा है। इतना होने के बाद पीएम0 मोदी ने जनता से #jantaCurfew का अनुरोध 22 मार्च को एक दिन के लिए किया है, यह अनुरोध इस देश की पढी-लिखी जनता को खुद ही पहले से करना चाहिए था। अगर देश की जनता इस तरह की पहल पहले से थोड़ी सी भी की होती तो शायद देश की ऐसी स्थिति न बनती। देश की पढी-लिखी जनता द्वारा संक्रमित होने पर भी छुपाने जैसी खबर कितनी शर्मसार करती है । जबकि कोरोना के बारे में चारो तरफ यह प्रचारित किया जा रहा है कि छुपाये नही, एक-दूसरे से मिलने से बचे, पार्टियाँ न करे। यह कैसे फैलता है ? इतना सब कुछ बताने के बाद भी लोग ये फैसला नही कर पा रहे है कि एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्हे क्या करना चाहिए।

    कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है जो वायरस की बड़ी फैमिली में अभी नया है जिसके बारे में अभी अध्ययन किया जा रहा है और अभी इसकी कोई भी दवाई या टीको की खोज हो नही पाई है । इस तरह की खबर सरकार द्वारा हर माध्यम से देश में फैलाई जा रही है, लोगो तक पहुँचाई जा रही है, लेकिन फिर भी देश की जनता जागरूक कब होगी समझ नही आ रहा ।

    मेरी अपील है इस देश की जनता से कि जब तक कोरोना वायरस की कोई दवा या टीका नही बनती है तब तक सभी खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश करे, और अपने परिवार को सुरक्षित रखे। सभी अपने और अपने परिवार की सुरक्षा करने में अगर कामयाब हो गये फिर देश में अफरा-तफरी का माहौल बनेगा नही।

    सावधान रहें , सुरक्षित रहें
    संयमित रहें, सजग रहें
    योग करें, ध्यान करें
    साधना करें, इंतजार करें
    पौष्टिक खायें, क्षमता बढ़ायें
    ताकतवर बनें, कोरोना भगायें

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